To sign my guestbook, you need to signin first.
Mahavir25 14 years ago
आपको अपनी अदा की ताज़गी पर नाज़ है
हमको भी अपनी वफा की सादगी पर नाज़ है
आपसे लिपटी हुई पुर वाई को हम क्या कहें
आपको पुरवाई की आवारगी पर नाज़ है
आपकी आँ खों ने हमसे त ल्ख़ि यों में बात की
आपको आँख की इस नाराज़गी पर नाज है
आपने दिल के जो टुकडे कर दिये तो क्या हुआ
हमको अपने दिल की इस दीवानगी पर नाज़ ह