montyfforever (13 years ago)"कब तुम आये पता ही नहीं चला,
दिल में समाये पता ही नहीं चला,
दिल से उतर के साँसों में बसे पता ही नहीं चला,
एक खामोश ईमारत जो बरसों से बंद थी,
उसमे जान भर दी पता ही नहीं चला..
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montyfforever (13 years ago)*******************
एक तेरा एहसास है
जो हर वक़्त मेरे साथ है
एक तेरी याद है
जो दीन रात मुझे तडपाती है
एक उम्मीद है तेरे आने की
अपना तुझे बनाने की
ना चैन है ना सुकून है
ये कैसा मेरा हाल है
रातें हो गयी है इतनी लम्बी
जो काटे नहीं कटतीं
ना भूख है ना प्यास है
ना कोई आस है ना कोई पास है....
"हमने कब तुझे गैर कहने की हिमाकत की है,
हमने कब तुझे अपना न कहने की गुस्ताखी की है,
एक हम है जो हर बात पे तेरा नाम लेते हैं,
एक तुम हो बात बात पर बेगाना बना देती हो"
╰» Möñ†y****